सरकारी राशन लेने जा रहे दलित की भूख से मौत, विपक्ष का उप्र सरकार पर हमला – जनसत्ता
http://www.jansatta.com/national/bjp-target-akhilesh-yadav-govt-over-dalit-hunger-death-in-bundelkhand/91751/
सिंहस्थ में दलितों के ‘अलग स्नान‘ स्नान पर बवाल, शंकराचार्य ने बताया नौटंकी – अमर उजाला
http://www.amarujala.com/madhya-pradesh/chaos-on-separate-bath-of-dalits-in-simhastha-mahakumbh
शौचालय निर्माण के लिए कम राशि देने का आरोप – प्रभात खबर
http://www.prabhatkhabar.com/news/ramgarh/story/794819.html
उत्पीड़न को लेकर उबले दलित संगठन – अमर उजाला
http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/saharanpur/dalit-organization-oppression-boiled-over
संघर्ष कमेटी ने दलित कोटे की जमीन को लेकर ईशा सिंघल को सौंपा ज्ञापन – दैनिक भास्कर
http://www.bhaskar.com/news/PUN-OTH-MAT-latest-sangrur-news-041502-118623-NOR.html
जनसत्ता
सरकारी राशन लेने जा रहे दलित की भूख से मौत,
विपक्ष का उप्र सरकार पर हमला
http://www.jansatta.com/national/bjp-target-akhilesh-yadav-govt-over-dalit-hunger-death-in-bundelkhand/91751/
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड स्थित सूखाग्रस्त जिले बांदा में सरकारी राशन लेने जा रहे दलित की कथित रूप से भूख के कारण रास्ते में ही मौत हो गई। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर भाजपा प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि बांदा के ऐला गांव में नाथू नामक व्यक्ति की मंगलवार को मौत हो गई। नाथू की पत्नी मुन्नी देवी के मुताबिक परिवार पिछले चार दिन से भूखा था और उसका पति सरकारी मदद का इंतजार कर रहा था। नाथू सरकारी राशन लेने के लिए घर से निकला। लेकिन भूख की वजह से रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। हालांकि, जिलाधिकारी योगेश कुमार ने नाथू की मौत भूख के कारण होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नैरनी के उपजिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस दलित व्यक्ति की मौत गर्मी के कारण या दिल का दौरा पड़ने से हुई है। कुमार ने कहा कि चूंकि परिजनों ने नाथू के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है, इसलिए उसकी मौत के कारण के बारे में दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता। दूसरी ओर, मुन्नी देवी का आरोप है कि राहत पैकेट काफी देर में पहुंचे और उसके पति की भूख से मौत हो गई। उसका कहना है कि हलके के लेखपाल ने नाथू के शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव डाला ताकि उन्हें कोई मुआवजा न मिल सके। साथ ही एक अधिकारी कुछ कागजात पर उसके अंगूठे का निशान लगवाने आया और कहा कि वह अपने घर में अनाज न होने की बात किसी को न बताए। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बांदा के जिलाधिकारी से इस घटना की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर पेश करने को कहा है। इस बीच, भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष केशव मौर्य ने राज्य की अखिलेश सरकार पर सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में राहत उपलब्ध कराने में नाकामी का आरोप लगाते हुए बांदा में दलित की भूख से हुई मौत को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार ऐसे संवेदनशील मामलों पर जवाबदेही तय करने में नाकाम रही है। राज्य का प्रशासनिक तंत्र सूखा पीड़ित लोगों को राहत राशि वितरित करने के प्रति तनिक भी गंभीर नहीं है। मालूम हो कि प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड व प्रदेश के अन्य सूखाग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया था।
अमर उजाला
सिंहस्थ में दलितों के ‘अलग स्नान‘ स्नान पर बवाल,
शंकराचार्य ने बताया नौटंकी
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उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ (आरएसएस) से जुडे एक संगठन की ओर से आयोजित समरसता और शबरी स्नान को लेकर विवाद पैदा हो गया है।आरएसएस से जुडी संस्था पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन ने 11 मई को समरसता स्नान और शबरी स्नान का आयोजन किया है।इसका आयोजन कुंभ के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए अलग से किया जा रहा है। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने भाजपा से पूछा है कि ‘समरसता स्नान के जरिए पार्टी नौटंकी क्यों कर रही है?’
इस आयोजन में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के भी शामिल होने की संभावना है। लेकिन शंकराचार्य ने कहा, ‘किसी भी नदी ने कभी किसी की जाति नहीं पूछी है और न ही किसी ने दलितों को इसमें स्नान करने से रोका है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘इतने दिनों से चल रहे सिंहस्थ में दलितों को किसी ने नही रोका, तो फिर भाजपा अध्यक्ष का कुंभ में दलितों के साथ नहाना दिखावा और नौटंकी ही है। इससे भेदभाव ही बढेगा।’
प्रभात खबर
शौचालय निर्माण के लिए कम राशि देने का आरोप
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चितरपुर : प्रखंड के मायल गांव में शौचालय निर्माण कराये जाने के बाद मुखिया द्वारा राशि कटौती करने का आरोप वार्ड सदस्य शिवशंकर रविदास ने लगाया है. उन्होंने बताया कि मायल के दलित मुहल्ला में 20 शौचालयों का निर्माण इनकी देख-रेख में किया गया. प्रति शौचालय निर्माण में 12 हजार रुपये दिया जाना है. इस तरह 20 शौचालय के निर्माण में दो लाख 40 हजार रुपये देना है.
लेकिन मायल मुखिया टुशील देवी ने पहली किस्त 77,600 रुपये, दूसरी किस्त 96 हजार एवं तीसरा किस्त में 21,600 रुपये दिये. शौचालय निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद इन्हें मात्र 1,95,200 रुपये दिया गया है. बाकी 44,800 रुपये नहीं मिले हैं. वार्ड सदस्य ने कहा कि प्रति शौचालय 2200 रुपये काटे जा रहे हैं. राशि मांगने पर टाल-मटोल की जा रही है.
निर्माण पूरा होने पर होगा भुगतान
मायल पंचायत की मुखिया टुशील देवी ने कहा है िक शौचालय निर्माण पूरा नहीं होने के कारण राशि काटी गयी है. निर्माण पूर्ण होते ही राशि का भुगतान कर दिया जायेगा.
अमर उजाला
उत्पीड़न को लेकर उबले दलित संगठन
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सहारनपुर के गांव घड़कौली में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने, नागल के गांव नासिरपुर डिगोली में संत रविदास की प्रतिमा खंडित करने को लेकर दलित संगठनों में रोष बढ़ता जा रहा है।
ज्यादातर संगठन उत्पीड़न के लिए सपा सरकार तथा प्रशासन और पुलिसिया रवैये को जिम्मेदार मान रहे हैं। उत्पीड़न बंद न होने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी भी दे रहे हैं।
बीआर अंबेडकर सर्व समाज सेवा समिति पदाधिकारियों ने डीएम पवन कुमार से मुलाकात कर उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की। समिति सदस्यों ने गांव तल्हेड़ी बुजुर्ग, गुलाबदास आश्रम, गांव घसौती, शिमलाना, सरकड़ी खुमार, घड़कौली, दरियापुर, सड़क दूधली समेत अनेक घटनाओं का जिक्र किया।
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी उन्हें सौंपा, जिसमें घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की गई है।
इस दौरान अमित, चेतन कुमार, योगेंद्र, मनीष, सत्यवीर, नितिन, नीलकमल आदि शामिल रहे। राष्ट्रीय दलित क्रांति मोर्चा ने मोहल्ला ओजपुरा में बैठक कर घटनाओं की निंदा की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बलवंत सिंह चार्वाक ने कहा कि सहारनपुर में दलित विरोधी मानसिकता रखने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यदि प्रशासन ने ऐसे लोगों पर अंकुश नहीं लगाया तो दलित समाज इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
बैठक में राजपाल सिंह, नन्हेलाल वर्मा, सुखबीर सिंह, प्रकाश चंद, संजय सिंह, सिंधुराज बौद्घ आदि उपस्थित रहे।
जाटवनगर निवासी श्याम कुमार, ब्रिजेश कुमार, आदेश कुमार, अनिल कुमार, अमित कुमार, राजन, मदनलाल, लेखराज आदि ने डीएम पवन कुमार से मुलाकात कर दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की।
कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के अपमान को दलित समाज किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने डीएम को राष्ट्रीय एससी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया के नाम का ज्ञापन सौंपा। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में बाबा साहब और संत रविदास की प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ किए जाने की घटनाओं की निंदा की गई।
जिला महामंत्री रणधीर सिंह कहा कि शासन और प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय दलितों पर कार्रवाई कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
बैठक में मुख्य रूप से हुकम सिंह, मेमराज सिंह, प्रवेश कुमार, पवन कुमार, महंत प्रद्युमन दास, नीरज कुमार, सुभाष गौतम, किशन सिंह, रविंद्र, सीताराम मौर्य, सतेंद्र गौतम आदि मौजूद रहे। भीम जागृति मंच की बैठक में घड़कौली प्रकरण की निंदा की गई। पदाधिकारियों ने पुलिस पर दोषियों की बजाय दलितों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
माहौल बिगड़ा तो नपेंगे अधिकारी
गांव घड़कौली और डिंगोली प्रकरण के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। जनपद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीएम ने तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
डीएम ने कहा कि यदि किसी भी महापुरुष की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ होती है या माहौल बिगड़ता है तो संबंधित एसडीएम और सीओ जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जनपद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए।
डीएम पवन कुमार ने सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए किए किसी भी घटना के पूर्वानुमान एवं समस्या के निस्तारण की पूर्व तैयारी की जानी चाहिए।
पुलिस अधिकारियों को थानों पर स्थित अभिलेखों तथा त्योहार रजिस्टर कंपलीट रखने चाहिए, जिससे त्योहारों से पहले उनको शांतिपूर्वक मनाए जाने की तैयारी पहले ही की जा सके।
थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थापित महापुरुषों की प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर सुरक्षा समितियां गठित करने के निर्देश दिए गए। समिति में क्षेत्रीय लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को शामिल करने को कहा गया।
डीएम ने कहा कि यदि किसी महापुरुष की प्रतिमा को नुकसान पहुंचता है या उसके साथ छेड़छाड़ होती है तो संबंधित एसडीएम और सीओ जिम्मेदार होंगे।
क्षेत्रों में जो भी कार्यक्रम अनुमति से किए जा रहे हैं उनकी सूचना संबंधित थाने के पास भी होनी चाहिए, जिससे पुलिस व्यवस्था बनाने के लिए कदम उठा सके। एसएसपी आरपीएस यादव पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र और ग्रामवार सूचनाएं इकट्ठा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि थानेदारों के पास वर्तमान प्रधान, पूर्व प्रधान, सचिव, चौकीदार, लेखपाल आदि के फोन नंबर होने चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों से लगातार संपर्क बनाकर रखा जाए, जिससे सूचनाएं मिलती रहें। एसपी सिटी महेंद्र सिंह यादव, एसपी देहात जगदीश शर्मा ने भी अपनी बात रखी। बैठक में एडीएम (ई) ओपी वर्मा समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे।
दैनिक भास्कर
संघर्ष कमेटी ने दलित कोटे की जमीन को लेकर
ईशा सिंघल को सौंपा ज्ञापन
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गांवअकबरपुर में पंचायती जमीन से आरक्षित हिस्से की मांग को लेकर गांव के दलित भाईचारे का एक वफद जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी की अगुवाई में जीए टू डीसी ईशा सिंघल से मिला।
इस दौरान वफद ने अपनी मांगों संबंधी ईशा सिंघल को ज्ञापन भी सौंपा। कमेटी नेता परमजीत कौर, सुरजण झनेड़ी ने कहा कि पंचायती जमीन के आरक्षित कोटे की तीसरे हिस्से वाली जमीन काफी कम है जिसकी निशानदेही होना जरूरी है। जमीन कम होने के कारण दलित भाईचारे को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त जमीन में पानी के साधन होने के कारण भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि जमीन की निशानदेही करवा कर जमीन पूरी की जाए। जमीन पर पानी का प्रबंध किया जाए।
जमीन की मिनती करवाकर दलित भाईचारे को हिस्से के अनुसार पूरी जमीन दी जाए। मिनती से पहले जमीन की बोली करवाई जाए। यदि मांगें पूरी हुई तो बोली का विरोध किया जाएगा।
दलित भाईचारे को इंसाफ दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा। मौके पर सुरजीत सिंह, दर्शन सिंह, चनण सिंह, अमरीक सिंह, देव सिंह, मिलखी सिंह, करनैल सिंह, लाभ सिंह, आदि उपस्थित थे।
संगरूर में ईशा सिंघल को ज्ञापन सौंपते दलित भाईचारे के लोग।
News Monitored by Kuldeep Chandan & Kalpana Bhadra
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